विवाह के बाद दुल्हन अपने माता-पिता के घर छोड़कर दूल्हे के घर जाती है। यह समारोह दुल्हन हमेशा के लिए अपने माता-पिता के घर छोड़कर और उसके जीवन का एक नया अध्याय शुरू करने पर किया जाता है। कार के पहिये के नीचे एक नारियल रखा जाता है जो दुल्हन और दुल्हन को अपने घर में ले जाता है। जैसे दुल्हन अपने पति को अपना चेहरा दिखती है।
कोकसंग्मा दिवस पर दूल्हे का पूरा परिवार होने वाली दुल्हन के घर मे एकत्रित होते है । दोनों पक्षों के अभिभावक दूसरे के बगल में बैठते हैं और दो चावल शराब के बर्तन उनके सामने रखे जाते हैं । दो मिट्टी के तेल की रोशनी को चावल के बर्तन के बर्तनों के क़रीब रखा जाता है।
मैहर एक तय-शुदा रक़म है जो शादी मे बताई जाती है । ये रक़म दूल्हे की तरफ से दुल्हन को शादी मे दी जाती है । मैहर की अदायगी आप दो किस्तों मे भी कर सकते है आपसी रज़ामंदी से । प्राचीन काल मे मैहर की पूरी रक़म दुल्हन के माँ-बाप को दी जाती थी ।मैहर किसी भी प्रकार मे दी जा सकती है ज़ेवर, संपत्ति, तोहफे इत्यादि ।
शादियों मे दी जाने वाली अलग अलग क़िस्म के मिठाईया भारतीय शादी का आकर्षण बढ़ाती है। आधुनिक भारतीय शादी मे इस्तेमाल की जाने वाली मिठाई काफी अलग है । फिर भी कुछ पारम्परिक मिठाईया है जो आज भी बेहद पसंद की जाती है । चलिए उन् मिठाईया को और विस्तार मे जान्ने की कोशिश करते है ।
सरल विवाह वस्तु सॉल्यूशंस आपके बच्चे को शादी करने में मदद करने के लिए दिशा, संरचना, ऊर्जा और चक्र के चार विज्ञानों के आधार पर अद्वितीय समाधान प्रदान करता है।
भारतीय प्राचीन विज्ञान 'वास्तु' हर इंसान के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह सकारात्मक कंपन की अनुमति देता है और मानव जाति से संबंधित हर समस्या को हल करता है।
एक शैक्षिक डिग्री हासिल करने के बाद और अपने करियर शुरू करने के बाद, नौजवान के दिमाग़ में अगली बात जो आती है वो शादी है। बच्चे जब शादी के योग्य हो जाते है तो शादी उनके मां-बाप की सर्वोचत्म परात्मिक्ता बन जाती है। शादी के सही उम्र मे प्रस्ताव ना मिलने से कुछ लोगो को मुश्किलों का सामना करना पढता है।
प्रत्येक माता-पिता अपने बेटी की शादी और उस पवित्र अनुष्ठान "कन्यादान" की प्रतीक्षा करते है जब वे बड़ी ख़ुशी और आनंद के साथ अपने बेटी को बड़े प्यार से दूल्हे के हाथो सोपते है। हर महिला का सपना होता है की उसकी शादी एक प्रतिष्ठित और अच्छे परिवार मे हो जहा उसे प्यार और आदर मिले जो घर के अन्य बेटियों को मिलता है।
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पारसी समुदाय में शादी को लगन कहा जाता है और यह कई दिनों तक चलता है, जो रंगीन और आनंदमय होता है । दुल्हन और दूल्हे के…
प्रत्येक माता-पिता अपने बेटी की शादी और उस पवित्र अनुष्ठान "कन्यादान" की प्रतीक्षा करते है जब वे बड़ी ख़ुशी और आनंद के साथ अपने बेटी को बड़े प्यार से दूल्हे के हाथो सोपते है। हर महिला का सपना होता है की उसकी शादी एक प्रतिष्ठित और अच्छे परिवार मे हो जहा उसे प्यार और आदर मिले जो घर के अन्य बेटियों को मिलता है।
हर माता-पिता चाहता है कि उनके बच्चों को जीवन सुख और शांति से आगे बढे। विवाह की संस्था दो आत्माओं को एक साथ लाती है । ऐसा…
शाही दावत के बाद शादी समारोह का अंत होता है लेकिन दूल्हा-दुल्हन के लिए एक नयी ज़िन्दगी की शुरुआत है । परिवार वालो की दुआओ के साथ दूल्हा-दुल्हन बड़े प्यार और ख़ुशी से जीवन की शुरुआत करते है । मंगलोरीन कैथोलिक शादी ईसाई शादी की संस्कृति को दर्शाता है जो के अभी तक भारत मे मौजूद है
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